Tum Jo Milo
है ये हकीकत या ख्वाब है
यूं लग रहा है तू पास है
आँखों को मेरी पूछो ज़रा
चेहरे की तेरे क्यूँ प्यास है
आओ निगाहों में तुम ढालो
खाली से कैफ़े में तुम चलो
कॉफ़ी पियेंगे बातें करेंगे
तुम जो मिलो तुम जो मिलो
तुम जो मिलो तुम जो मिलो
तुम मिलो
तुम मिलो एक शाम को
तुम मिलो
तुम मिलो एक शाम को
सूनी सड़क पे हो आशिकी
ना हो ज़रुरत फिर बात की
बालों में तेरे सूरज ढले
परवाह करें ना हम रात की
दूरी कोई ना हो दरमियां
जिस्मों से उठता हो एक धुंआ
होगी शरारत में भी मोहब्बत
तुम जो मिलो तुम जो मिलो
तुम जो मिलो तुम जो मिलो
तुम मिलो
तुम मिलो एक शाम को
तुम मिलो
तुम मिलो एक शाम को