Utth Ja Ziddi Re

Prashant Ingole

पल जो थेहरा है
ले के सेहरा है
दो कदम पे ही
ख़्वाब सुनहेरा है
कल किसी का था
आज ये तेरा है
टेधे मेधे रास्तों से
आगे बढ़ना जाना है रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
सोया सोया ख्वाबों को भी
निंदों से जगना है रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
आधे आधे वड़ों को भी
पूरा कर जाना है रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
हरी हरी आंखों को भी
जीत से मिलाना है रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
उत्त जा ज़िद्दी रे

तेरे कारवां की ये दास्तान:
तोह हौले हौले
समझौता ये जहान ओह ओह
तुझे वस्ता दे सबको बता
तू धीरे धीरे तेरी कहानी
नापी तुली बातों को भी
खुल के उड़ना है रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
जाली बुझी सांसों को भी
फिर सुलगाना है रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
आधे आधे वड़ों को भी
पूरा कर जाना है रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
ओह हरी हरी आंखों को भी
जीत से मिलाना है रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
उत्त जा ज़िद्दी रे
उत्त जा आ
उत्त जा आ
उत्त जा आ
उत्त जा ज़िद्दी रे

Curiosités sur la chanson Utth Ja Ziddi Re de Pritam

Qui a composé la chanson “Utth Ja Ziddi Re” de Pritam?
La chanson “Utth Ja Ziddi Re” de Pritam a été composée par Prashant Ingole.

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