Subah Ko
Rashmi Virag, Raghav Chaitanya
चाहता है दिल के
मैं तेरी यादें बनूँ
साए जैसा हमेशा
मैं तेरे पीछे चलूं
ख्वाब तेरा बनके
पास तेरे आके
सिर्फ़ तेरा होके
तुझसे प्यार करूँ
सुबह को शाम कहे तू
वहीं मैं भी कहूँ
जो भी कुच्छ कम करे तू
वहीं मैं भी करूँ
सुबह को शाम कहे तू
वहीं मैं भी कहूँ
जो भी कुच्छ कम करे तू
वहीं मैं भी करूँ
ज़रा जल्दी में है
यह हमारा दिल
चैन एक पल भी आए है ना इसे
जो फ़ुर्सत हो तो फिर
मुझसे आके मिल
साँस आएगी देखूँगा जो तुझे ऐ ऐ ऐ
मैने सोचा है की
अपना सब कुच्छ खोके
सिर्फ़ तेरा होके
तुझसे प्यार करूँ
सुबह को शाम कहे तू
वहीं मैं भी कहूँ
जो भी कुच्छ कम करे तू
वहीं मैं भी करूँ
सुबह को शाम कहे तू
वहीं मैं भी कहूँ
जो भी कुच्छ कम करे तू
वहीं मैं भी करूँ