Kya Sama Hai
Sajjad Ali
क्या समा है तू कहाँ है
क्या समा है तू कहाँ है
ओह ये मौसम मुझको तो
तेरा ही चेहरा लगता है
क्या समा है तू कहाँ है
क्या समा है तू कहाँ है
ओह ये मौसम मुझको तो
तेरा ही चेहरा लगता है
मुझको तो तेरा ही चेहरा लगता है
ये वादियाँ ये मस्तियाँ
ये हवायें तेरी निगाहें
ये वादियाँ ये मस्तियाँ
ये हवायें तेरी निगाहें
छाई घटायें तेरी ही
ज़ुल्फ़ो का साया लगता है
क्या समा है तू कहाँ है
क्या समा है तू कहाँ है
ओह ये मौसम मुझको तो
तेरा ही चेहरा लगता है
ये रास्ते पहले भी कहीं
जा चुके है, गुज़रे हुए है
ये रास्ते पहले भी कहीं
जा चुके है, गुज़रे हुए है
दिल कह रहा है तुम मिल
गये हो दौबारा लगता है