Sajde [Acoustic Cover Version]
रब लब्भा पापियां नु
जिना चंगे काम ना चंगे लगदे
ओ किवें पिंड कजिये
अस्सी चोल पाके वि नंगे लगदे
ओ ज़िन्दगी यूँ गले आ लगी है आ लगी है
कोई खोया हुआ बरसों के बाद आ गया
ओ फीके फीके थे दिन रात मेरे साथ मेरे
छुआ तूने तो जीने का स्वाद आ गया
एक तरह के आवारा थे
एक तरह की आवारगी
दीवाने तो पहले भी थे अब
और तरह की दीवानगी
सजदे बिछावां वे
गली गली हो गली गली हो गली गली
जिस सहर विच मेरा यार वसदा
कमाना पैंदा ये खटके हो खटके
हो इत्थे रब ना कोई उधार लभदा
एक ख़्वाब ने आँखें खोली हैं
क्या मोड़ आया है कहानी में
वो भीग रही हैं बारिश में
ओ और आग लगी है पानी में
ख्वाबी ख्वाबी सी लगती है दुनिया
आँखों में ये क्या भर रहा है
मरने की आदत लगी थी
क्यों जीने को जी कर रहा है
पहले तो बेगानी नगरी में
हमको किसी ने पुछा न था
सारा शहर जब मान गया तो
लगता है क्यों कोई रूठा न था
सजदे बिछावां वे
गली गली हो गली गली हो गली गली
जिस सहर विच मेरा यार वसदा
कमाना पैंदा हो खटके हो खटके
हो इत्थे रब ना कोई उधार लभदा
सजदे बिछावां वे
गली गली हो गली गली हो गली गली
जिस सहर विच मेरा यार वसदा
कमाना पैंदा हो खटके हो खटके
हो इत्थे रब ना कोई उधार लभदा