Rang Rasiya
M. L. Avasthi
रंग रसिया रंग रसिया
सुना पड़ा हैं रे जिया
मन बसिया रे
सुना पड़ा हैं रे जिया
कल ना पड़त मोहे
पल पल छिन्न छिन्न
रात बिताऊं करवट गिन गिन
कल ना पड़त मोहे
पल पल छिन्न छिन्न
रात बिताऊं करवट गिन गिन
रंग महल में
डर मोहे लागे
याद में तेरी पिया है
सुना पड़ा हैं रे जिया
मैं हूँ अभागन राह भुलाती
भटक रही बन कर अनजानी
मैं हूँ अभागन राह भुलाती
भटक रही बन कर अनजानी
राह दिखा दे दिल पर जानी
तड़पता मोरा जिया हे
सुना पड़ा हैं रे जिया