Ishq Ka Asar
कितनी भी रातें घनी हो
कितने भी रस्ते हो बंजर
दरमियाँ अगर आ भी जाए
सतों के सतों समंदर
देखने को तुझे बस
एक नजर एक नजर
कर मैं जाऊंगा तय अब
हर सफर हर सफर
इश्क़ का इश्क़ का है असर
दिल मेरा हो चला बेफिकर
इश्क़ का इश्क़ का है असर
दिल मेरा हो चला बेफिकर
बारिश हवा भी तुझको छूए
दिल मेरा बेतहाशा जलता है
हद्द कर रही है ये आशिक़ी
आशिक़ी पे ज़ोर ना चलता है
खुदसे दूर मैं हुआ
बेनूर भी हुआ
दिल ने छोड़ा नहीं पर सब्र
इश्क़ का इश्क़ का है असर
दिल मेरा हो चला बेफिकर
इश्क़ का इश्क़ का है असर
दिल मेरा हो चला बेफिकर
हा हा हा हा हा हा