Mann Basiya
Sahib
याद तुझे ही करके सारी
रात गुज़ारी ओ मन बसिया
ख्वाब तेरा ही देखा हमने
बारी बारी ओ रंग रसिया
राह तेरियां देखियाँ माहियाँ
बढ़के आजा वे
मन बसिया मन बसिया
तेरे रंग में माहि वे रंग गइयाँ
मन बसिया मन बसिया
तेरे रंग में माहि वे रंग गइयाँ
हवा के झोके जुगनू ढूंढे
सतरंगी सपने तेरे मेरे
भीगे भीगे हम तुम युही
संग बह जाये
हौले हौले गुपचुप दिल की
बात कह जाये
राहां तेरियां मेखीया माहिया
मुड़के आजा वे
मन बसिया मन बसिया
तेरे रंग में माहि वे रंग गइयाँ
मन बसिया मन बसिया
तेरे रंग में माहि वे रंग गइयाँ