Aa Ab Laut Chalen

Nadeem-Shravan, Sameer

दुल्हन सी सजी धरती खुला वह आसमान
हो दुल्हन सी सजी धरती खुला वह आसमान
बुलाता है हमें फिर वह चाहत का जहाँ
आ अब लौट चलें
हो आ अब लौट चलें
आ अब लौट चलें
हो आ अब लौट चलें

अनजान था मैं नादाँ था मैं
तेरे प्यार को जो न समझ पाया
तूने इतना बेचैन किया
मैं तेरे पास चला आया
तेरी सांसें मेरा जीवन
मेरे दिल में तेरा घर है
ज़रा देखे कोई इसको
यह जन्नत से भी सुन्दर है
बिना तेरे नहीं चैना
नहीं चैना यहाँ
आ अब लौट चलें
हो आ अब लौट चलें
आ अब लौट चलें
है आ अब लौट चलें

एक पल के लिए एक दिन के लिए
न दूर मैं तुझसे जाउंगी
तेरी पलकों की इन गलियों में
सपनों की सेज सजाऊंगी
तुझे देखूं तुझे चाहूँ
तेरी खुशबु में खो जाऊं
यही मेरी तमन्ना है
तेरी बाहों में सो जाऊं
दर्द इ दिल नहीं सहना
नहीं सहना यहाँ
आ अब लौट चलें
हो आ अब लौट चलें
आ अब लौट चलें
आ अब लौट चलें
दुल्हन सी सजी धरती खुला वह आसमान
बुलाता है हमें फिर वह चाहत का जहाँ
आ अब लौट चलें
हो आ अब लौट चलें
आ अब लौट चलें
हो आ अब लौट चलें

Curiosités sur la chanson Aa Ab Laut Chalen de Udit Narayan

Qui a composé la chanson “Aa Ab Laut Chalen” de Udit Narayan?
La chanson “Aa Ab Laut Chalen” de Udit Narayan a été composée par Nadeem-Shravan, Sameer.

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