Likha Na Tumko Khat Kabhi
लिखा ना तुमको खत कभी
ना इकरार किया हमने
दिल ही दिल मे आज तक
तुमसे प्यार किया हमने
लिखा ना तुमको खत कभी
ना इकरार किया हमने
लिखा ना तुमको खत कभी
ना इकरार किया हमने
दिल ही दिल मे आज तक हाँ
दिल ही दिल मे आज तक
तुमसे प्यार किया हमने
लिखा ना तुमको खत कभी
ना इकरार किया हमने
दिल ही दिल मे आज तक
दिल ही दिल मे आज तक
तुमसे प्यार किया हमने
लिखा ना तुमको खत कभी
ना इकरार किया हमने
ये प्यार क्या हे आख़िर पूछो तो हमसे
तुम पे ही मरते आए हर इक जनम से
कुछ तो सिला मिल जाए अपनी वफ़ा का
मर जाएँगे हम वरना अब तो कसम से
हर दिन, हर पल, हर घड़ी
हर दिन, हर पल, हर घड़ी
इंतज़ार किया हमने
लिखा ना तुमको खत कभी
ना इकरार किया हमने
लिखा ना तुमको खत कभी
ना इकरार किया हमने
दिल ने मुलाकात के कुछ सपने सजाए
माना के अब तक जुबां से हम केह ना पाए
लेकिन ये सच हे के जब से चाहा हे तुमको
जीने की चाहत अपनी बढ़ती ही जाए
जो कुछ भी इस दिल मे हे
जो कुछ भी इस दिल मे हे
अब इज़हार किया हमने
लिखा ना तुमको खत कभी
ना इकरार किया हमने
लिखा ना तुमको खत कभी
ना इकरार किया हमने
दिल ही दिल मे आज तक हाँ
दिल ही दिल मे आज तक
तुमसे प्यार किया हमने
लिखा ना तुमको खत कभी
ना इकरार किया हमने
लिखा ना तुमको खत कभी
ना इकरार किया हमने
ना इकरार किया हमने
ना इकरार किया हमने