Udja Kale Kawan

Anand Bakshi

उड़ जा काले कावां तेरे मुँह विच खंड पावाँ
ले जा तू संदेसा मेरा, मैं सदके जावाँ
बागों में फिर झूले पड़ गए
पक गयाँ मिठियाँ अम्बियाँ
ये छोटी-सी ज़िन्दगी ते
राता लम्बियाँ-लम्बियाँ
ओ घर आजा परदेसी
कि तेरी-मेरी एक जिंदड़ी
ओ घर आजा परदेसी
कि तेरी-मेरी एक जिंदड़ी

हो ओ ओ ओ
हो हो ओ ओ
छम-छम करता आया मौसम
प्यार के गीतों का हो ओ ओ
छम-छम करता आया मौसम
प्यार के गीतों का
रस्ते पे अँखियाँ रस्ता देखें, बिछड़े मीतों का
सारी-सारी रात जगाये मुझको तेरी यादें
मेरे सारे गीत बने मेरे दिल की फरियादें
ओ घर आजा परदेसी
कि तेरी-मेरी एक जिंदड़ी
ओ घर आजा परदेसी
कि तेरी-मेरी एक जिंदड़ी
उड़ जा काले कावां तेरे मुँह विच खंड पावाँ
ले जा तू संदेसा मेरा, मैं सदके जावाँ
ले जा तू संदेसा मेरा, मैं सदके जावाँ हाय
ले जा तू संदेसा, मैं सदके जावाँ
ले जा तू संदेसा मेरा, मैं सदके जावाँ हो
ले जा तू संदेसा मेरा, मैं सदके जावाँ

Curiosités sur la chanson Udja Kale Kawan de Udit Narayan

Qui a composé la chanson “Udja Kale Kawan” de Udit Narayan?
La chanson “Udja Kale Kawan” de Udit Narayan a été composée par Anand Bakshi.

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