Ab Kahan Pyar Mein

अब कहाँ प्यार में
पाकीज़गी का नामो निशान
जिस्म की भूख है
और इस के सिवा कुच्छ भी नही
अब कहाँ प्यार में
पाकीज़गी का नामो निशान
जिस्म की भूख है
और इस के सिवा कुच्छ भी नही
अब कहाँ प्यार में

वो सदी बीत चुकी
वो सदी बीत चुकी
जिसमें थे लैला मजनू
आज तो सिर्फ़ है दुनिया में
दिखावे का जुनून
और फिर ढूँढते फिरते है
मोहब्बत का सुकून
और फिर ढूँढते फिरते है
मोहब्बत का सुकून
इन इरादों में
गुनाहो को सिवा कुच्छ भी नही
जिस्म की भूख है
और इस के सिवा कुच्छ भी नही
अब कहाँ प्यार में
पाकीज़गी का नामो निशान
जिस्म की भूख है
और इस के सिवा कुच्छ भी नही
अब कहाँ प्यार में

ज़ुल्म होता है अंधेरों में
हवस कल की है
ज़ुल्म होता है अंधेरों में
हवस कल की है
जिसमें ताक़त है यहाँ
उसकी सदा चलती है
जिसमें ताक़त है यहाँ
उसकी सदा चलती है
ज़ख़्म ताज़ा है मगर
फिर भी च्छुरी चलती है
मर्ज़ कुच्छ ऐसे भी है
जिन की दवा कुच्छ भी नही
जिस्म की भूख है
और इस के सिवा कुच्छ भी नही
अब कहाँ प्यार में
पाकीज़गी का नामो निशान
जिस्म की भूख है
और इस के सिवा कुच्छ भी नही

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