Kahan They Raat Ko

Daag

अ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
अ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
अ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
अ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
कहाँ थे रात को, हमसे ज़रा निगाह मिले
कहाँ थे रात को, हमसे ज़रा निगाह मिले
तलाश में हो के, झूठा कोई गवाह मिले
कहाँ थे रात को

ये हैं मज़े की लड़ाई, ये हैं मज़े का मिलाप
ये हैं मज़े की लड़ाई, ये हैं मज़े का मिलाप
के तुझसे आँख लड़ी, और फिर निगाह मिले
के तुझसे आँख लड़ी, और फिर निगाह मिले
कहाँ थे रात को

तेरा गुरुर समाया हैं, इस कदर दिल में
तेरा गुरुर समाया हैं, इस कदर दिल में
निगाह भी न मिलाऊं जो, बादशाह मिले
निगाह भी न मिलाऊं जो, बादशाह मिले
कहाँ थे रात को

मसल उसमे हैं के, मिलने से कोई मिलता हैं
मसल उसमे हैं के, मिलने से कोई मिलता हैं
मिलो तो आँख मिले दिल, मिले निगाह मिले
मिलो तो आँख मिले दिल, मिले निगाह मिले
कहाँ थे रात को, हमसे ज़रा निगाह मिले
तलाश में हो के, झूठा कोई गवाह मिले
कहाँ थे रात को ओ ओ

Curiosités sur la chanson Kahan They Raat Ko de पिनाझ मसानी

Quand la chanson “Kahan They Raat Ko” a-t-elle été lancée par पिनाझ मसानी?
La chanson Kahan They Raat Ko a été lancée en 2009, sur l’album “Dilruba”.
Qui a composé la chanson “Kahan They Raat Ko” de पिनाझ मसानी?
La chanson “Kahan They Raat Ko” de पिनाझ मसानी a été composée par Daag.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] पिनाझ मसानी

Autres artistes de Indian music