Firaak Main

Akshay Saxena, Rajiv Bhalla

दर्द दफन है
दफन हर चाह भी
दर्द दफन है
दफन हर चाह भी
वक़्त का सितम है के
बढ़ता ही जा राहा
ज़ालिम मानीज़ीलों का
फरमान आ रहा
गुम सूम बेख़बर राहे
सुलगती सुलगती हैं ये आहें
ज़ख़्म जाने कब भरे
आँखे खुद से ना मिले
फिराक मैं रूह यह सुखुन की
फिराक मैं नज़रें नूर की
फिराक मैं रूह ये सुखुन की
फिराक मैं नज़रें नूर की

फिराक मैं राक राक
फिराक मैं राक राक
गुज़रा जा रहा हर पल
कैसे इंतज़ारों में
रात ही है जब यहाँ
दिल की दीवारों में
तन्हा जीना यहाँ
तन्हा मारना यहाँ
ज़ख़्म जाने कब भरे
आँखे खुद से ना मिले
फिराक मैं रूह यह सुखुन की
फिराक मैं नज़रें नूर की
फिराक मैं रूह ये सुखुन की
फिराक मैं नज़रें नूर की

बहती अश्कों की लेहेर
अब्ब ना थम पायेगी
यादें सारी हँसी
संग वो ले जाएगी
घम से लड़ना भी क्या
हासिल हो ना है क्या
तकदिरों के फ़ैसले
ज़िंदा है पर ना जिए
फिराक मैं रूह ये सुखुन की
फिराक मैं नज़रें नूर की
फिराक मैं रूह ये सुखुन की
फिराक मैं नज़रें नूर की(फिराक)

Chansons les plus populaires [artist_preposition] अभिजीत सावंत

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