Lafzon Mein
लफ़ज़ो मे केह ना साकु
बिन कहे भी रेह ना साकु
लफ़ज़ो मे केह ना साकु
बिन कहे भी रेह ना साकु
नशा ही नशा रत दिन है
ना पूछो ये कैसा प्यार है
लफ़ज़ो मे केह ना साकु
बिन कहे भी रेह ना साकु
हल्की सी बरसात मे
पहली मुलाकात मे
पहली ही बार मे
दिल को मेरे ले गयी
चाहत के इकरार मे
अंजना गम दे गयी
आई जब सामने
जाने क्यू वो दर्र गयी
पागल मुझको कर गयी
जानेमन जानेजा
ना जाने क्या बात है
लगे की दिन में रत है
ना जाने क्या बात है
लगे की दिन में रत है
नयी है सुबह तो नयी शाम
अजब हाल मेरा यार है
लफ़ज़ो मे केह ना साकु
बिन कहे भी रेह ना साकु
ओ ओ ओ ओ
मेरा दिल मेरी जान
मैं यहा तू है कहाँ
मैं देखु मुड़के जिधर
आए मुझे तू नज़र
कहती है चाहते
दीवाना में हो गया
तेरी चाहत मे सनम
ना जाने कब खो गया
ये कैसा है असर
मुझको ना इतनी खबर
कब जगा कब सो गया
जानेमन जानेजा
लफ़ज़ो मे केह ना साकु
बिन कहे भी रेह ना साकु
लफ़ज़ो मे केह ना साकु
बिन कहे भी रेह ना साकु
नशा ही नशा रत दिन है
ना पूछो ये कैसा प्यार है
लफ़ज़ो मे केह ना साकु
बिन कहे भी रेह ना साकु
लफ़ज़ो मे केह ना साकु
बिन कहे भी रेह ना साकु