Kitna Badal Gaya Insaan Dekh Tere Sansar

PRADEEP, C. RAMACHANDRA

देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान
सूरज ना बदला चांद ना बदला
ना बदला रे आसमान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान

आया समय बड़ा बेढंगा
आज आदमी बना लफ़ंगा
कहीं पे झगड़ा कहीं पे दंगा
नाच रहा नर हो कर नंगा
छल और कपट के हाथों अपना बेच रहा ईमान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान

राम के भक्त रहीम के बंदे
रचते आज फरेब के फंदे
कितने ये मक्कार ये अंधे
देख लिए इनके भी धंधे
इन्हीं की काली करतूतों से हुआ ये मुल्क मशान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान

जो हम आपस में ना झगड़ते
बने हुए क्यों खेल बिगड़ते
काहे लाखों घर ये उजड़ते
क्यों ये बच्चे माँ से बिछड़ते
फूट फूट कर क्यों रोते प्यारे बापू के प्राण
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान

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