Angana Bole Kaag Re
Majrooh Sultanpuri
अंगना बोले काग रे
उजड़ा मन का बाग रे
अंगना बोले काग रे
उजड़ा मन का बाग रे
सावन आया खिले बगीचे
सावन आया खिले बगीचे
देख रही हूँ आँख मिचे
देख रही हूँ आँख मिचे
आए मेरे बाग रे
आए मेरे बाग रे
अंगना बोले काग रे
उजड़ा मान का बाग रे
उन बिन सब कुछ सुना लगे
उन बिन सब कुछ सुना लगे
विरह का दुख ड्यूना लगे
विरह का दुख ड्यूना लगे
पद गये दिल में दाग रे
पद गये दिल में दाग रे
अंगना बोले काग रे
उजड़ा मान का बाग रे
अंगना बोले काग रे
उजड़ा मान का बाग रे