Panchhi Aur Pardesi Dono Nahin
पंछी और परदेसी
पंछी और परदेसी
दोनो नही किसी के मीत
पंछी और परदेसी
पंछी और परदेसी
जैसे नैन से निकला आँसू
फिर ना नैन समाये
जैसे नैन से निकला आँसू
फिर ना नैन समाये
वैसे ही परदेश में साजन
जाकर में लौट के ना आए
वैसे ही परदेश में साजन
जाकर में लौट के ना आए
विरह में रो रो के जाए
विरह में रो रो के जाए
सारी उमारिया मेरी
पंछी और परदेसी
पंछी और परदेसी
दोनो नही किसी के मीत
पंछी और परदेसी
आग लगाए और ना बुझाए
आग लगाए और ना बुझाए
आग लगाए और ना बुझाए
प्रेमी के नैना में बस कर
फिर ना नैन मिलाए
प्रेमी के नैना मे बस कर
फिर ना नैन मिलाए
अपना बैरी आप बने वो
अपना बैरी आप बने वो
करेगा इनसे प्रीत
पंछी और परदेसी
पंछी और परदेसी
दोनो नही किसी के मीट
पंछी और परदेसी
पंछी और परदेसी