Jheel Pe Jaise

झील पे जैसे नाव चले आहिस्ता आहिस्ता
बादल में ऐसे ये चाँद छिपे
कहने को है ये भी चेहरा
छोड़ आए पीछे हम किसको कहाँ
उनको खबर है की हम है यहाँ
आए बहारों में महकाई राह
फिर मिलने आएँगे क्या
बस थोड़ी दूरी ये रास्ता कहे
रुकने लगे फिर चल दिए
जब वो हमे यूँ दिलाते है वास्ता वास्ता
रिश्ते हम ऐसे निभाते है
रात से जैसे कोई सुबह
अब है नज़र में एक ऐसा समा
लेकर ही आएँगे तुम को यहाँ
अंजान राहों के अंजान राही
जाए तो जाए कहाँ
तुम हो सलामत ये दिल यूँ कहे
चाहे मिले या ना मिले
दूर से जो बुलाए तो आजा ना आजा ना
चाहे सवारी भी ना मिले
हो सके तो चलके ही आना

Curiosités sur la chanson Jheel Pe Jaise de Lucky Ali

Quand la chanson “Jheel Pe Jaise” a-t-elle été lancée par Lucky Ali?
La chanson Jheel Pe Jaise a été lancée en 2002, sur l’album “Sifar”.

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