Tanhai Mein Basi
तन्हाई में बसी है ज़िंदगी
कुछ भी नहीं , कुछ भी नहीं
सच है यही , सच है यही
ऐसे कहाँ से उचल के आ गयी
महकी हवा
तेरी सदा
सुन तो ज़रा
सुन तो ज़रा
चला हूँ मैं तो तेरी चाह में
मिलेंगे जाने किससे राह में
कहा है मेरे दिल ने भी यही
तुम्ही से जुड़ी है ये ज़िंदगी
इरादा है के तुमको पाऊ मैं
जो कहना चाहू कहते जाऊ मैं
तुम ही तो उमीद हो मेरी
तुम्ही से जुड़ी मेरी हर खुशी
खो गये है ख़यालों में कहीं
तू भी यहीं मैं भी यहीं
जाना कहाँ
खबर नहीं
किसी ने तो पुकारा है मुझे
कहीं से तो इशारा है मुझे
आए दिल मेरे चल चलें
आज से नयी है ज़िंदगी
चला हूँ मैं तो तेरी चाह में
मिलेंगे जाने किससे राह में
कहा है मेरे दिल ने भी यही
तुम्ही से जुड़ी है ये ज़िंदगी