Aarti Jag Janani
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं।
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं।
तुम बिन कौन सुने वरदाती।
तुम बिन कौन सुने वरदाती।
किस को जाकर विनय सुनाऊं।
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं॥
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं।
असुरों ने देवों को सताया।
असुरों ने देवों को सताया।
तुमने रूप धरा महामाया।
तुमने रूप धरा महामाया।
उसी रूप का मैं दर्शन चाहूँ॥
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
रक्तबीज मधु कै सब मारे।
रक्तबीज मधु कै सब मारे।
अपने भक्तों के काज सँवारे।
अपने भक्तों के काज सँवारे।
मैं भी तेरा दास कहाऊं॥
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती तेरी करू वरदाती।
आरती तेरी करू वरदाती।
हृदय का दीपक, नैयनो की बाति।
हृदय का दीपक, नैयनो की बाति।
निसदिन प्रेम की ज्योति जगाऊं॥
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
ध्यानु भगत तुमरा यश गाया।
ध्यानु भगत तुमरा यश गाया।
जिस ध्याया माता, फल पाया।
जिस ध्याया माता, फल पाया।
मैं भी दर तेरे सीस झुकाऊं॥
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती तेरी जो कोई गावे।
आरती तेरी जो कोई गावे।
चमन सभी सुख सम्पति पावे।
चमन सभी सुख सम्पति पावे।
मैया चरण कमल रज चाहूँ॥
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
तुम बिन कौन सुने वरदाती।
तुम बिन कौन सुने वरदाती।
किस को जाकर विनय सुनाऊं॥
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं