Qaafirana [Female Version]

Amitabh Bhattacharya

इन वादियों में, टकरा चुके हैं
हमसे मुसाफ़िर, यूँ तो कई
दिल ना लगाया, हमने किसी से
किस्से सुने हैं, यूँ तो कई
ऐसे तुम मिले हो, ऐसे तुम मिले हो
जैसे मिल रही हो, इत्र से हवा
क़ाफ़िराना सा है इश्क है या, क्या है
ऐसे तुम मिले हो, ऐसे तुम मिले हो
जैसे मिल रही हो, इत्र से हवा
क़ाफ़िराना सा है इश्क है या, क्या है

गोदी में पहाड़ियों की उजली दोपहरी गुज़ारना
हाय हाय तेरे साथ में, अच्छा लगे
शर्मीली अँखियों से तेरा मेरी नज़रें उतारना
हाय हाय हर बात पे, अच्छा लगे
ढलती हुई शाम ने बताया है कि दूर मंज़िल पे रात है
मुझको तसल्ली है ये के होने तलक रात हम दोनों साथ है
क़ाफ़िराना सा है इश्क है या, क्या है
संग चल रहे हैं, संग चल रहे हैं
धूप के किनारे, छाँव की तरह
क़ाफ़िराना सा है इश्क है या, क्या है

Curiosités sur la chanson Qaafirana [Female Version] de Nikhita Gandhi

Qui a composé la chanson “Qaafirana [Female Version]” de Nikhita Gandhi?
La chanson “Qaafirana [Female Version]” de Nikhita Gandhi a été composée par Amitabh Bhattacharya.

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