Kaabe Se But Kade Se

Hafeez Jalandhari

काबे से बुत कदे से कभी बज़्म-ए-जाम से
काबे से बुत कदे से कभी बज़्म-ए-जाम से
आवाज़ दे रहा हूँ तुझे हर मकाम से

उफ्र-ए शबे फिराक़ के मारो की बेदिली
उफ्र-ए शबे फिराक़ के मारो की बेदिली
खुद ही बुझा दिया हैं चरागो को शाम से
खुद ही बुझा दिया हैं चरागो को शाम से
काबे से बुत कदे से कभी बज़्म-ए-जाम से

ऐसी भी कुछ नज़र से बहारे गुज़र गयी
ऐसी भी कुछ नज़र से बहारे गुज़र गयी
दिल का पता हैं आज बहारो के नाम से
दिल का पता हैं आज बहारो के नाम से
काबे से बुत कदे से कभी बज़्म-ए-जाम से

वो भी तो दोस्त ही थे की जो उम्र भर मुझे
वो भी तो दोस्त ही थे की जो उम्र भर मुझे
देते रहे फरेब मोहब्बत के नाम से
देते रहे फरेब मोहब्बत के नाम से
काबे से बुत कदे से कभी बज़्म-ए-जाम से

दिल मे फरेब लब पे तबस्सुम, नजर मे प्यार
दिल मे फरेब लब पे तबस्सुम, नजर मे प्यार
लूटे गये शमीम बड़े एहतमाम से
लूटे गये शमीम बड़े एहतमाम से
काबे से बुत कदे से कभी बज़्म-ए-जाम से

Curiosités sur la chanson Kaabe Se But Kade Se de Pamela Singh

Qui a composé la chanson “Kaabe Se But Kade Se” de Pamela Singh?
La chanson “Kaabe Se But Kade Se” de Pamela Singh a été composée par Hafeez Jalandhari.

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