Khwaab Sab Poore Tumhari Zindagi Ke Ho Gaye

Qaiser Ul Jafri

ख्वाब सब पूरे तुम्हारी ज़िंदगी के हो गये
हम किसी के हो ना हो तुम तो किसी के हो गये
ख्वाब सब पूरे तुम्हारी ज़िंदगी के हो गये
हम किसी के हो ना हो तुम तो किसी के हो गये

ज़िंदगी भर काम आने से रहा दिल का लहू
ज़िंदगी भर काम आने से रहा दिल का लहू
रोते रोते आँसूओ के रंग फीके हो गये
हम किसी के हो ना हो तुम तो किसी के हो गये

कौन किस के साथ तै करता हैं ज़ख़्मो का सफ़र
कौन किस के साथ तै करता हैं ज़ख़्मो का सफ़र
चार काटे ही बहाने वापसी के हो गये
हम किसी के हो ना हो तुम तो किसी के हो गये

कौन सी ज़ंजीर पड़ जाती हैं सब के पाओं में
कौन सी ज़ंजीर पड़ जाती हैं सब के पाओं में
जीतने दीवाने गये सब उस गली के हो गये
हम किसी के हो ना हो तुम तो किसी के हो गये

हम तो कैसर आखरी सांसो से पहले मर चुके
हम तो कैसर आखरी सांसो से पहले मर चुके
जो तमाशे देखने के थे कभी के हो गये
ख्वाब सब पुर तुम्हारी ज़िंदगी के हो गये
हम किसी के हो ना हो तुम तो किसी के हो गये

Curiosités sur la chanson Khwaab Sab Poore Tumhari Zindagi Ke Ho Gaye de Pamela Singh

Quand la chanson “Khwaab Sab Poore Tumhari Zindagi Ke Ho Gaye” a-t-elle été lancée par Pamela Singh?
La chanson Khwaab Sab Poore Tumhari Zindagi Ke Ho Gaye a été lancée en 2009, sur l’album “Aadaab”.
Qui a composé la chanson “Khwaab Sab Poore Tumhari Zindagi Ke Ho Gaye” de Pamela Singh?
La chanson “Khwaab Sab Poore Tumhari Zindagi Ke Ho Gaye” de Pamela Singh a été composée par Qaiser Ul Jafri.

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