Tum Tassali Na Do [Live]

Anwar Mirzapuri

तुम तसल्ली ना दो सिर्फ बैठे रहो वक्त कुछ मेरे मरने का टल जायेगा
तुम तसल्ली ना दो सिर्फ बैठे रहो वक्त कुछ मेरे मरने का टल जायेगा
क्या ये कम है मसिहा के होने ही से मौत का भी इरादा बदल जायेगा
तुम तसल्ली ना दो सिर्फ बैठे रहो

रुख़ से पर्दा उठा दे जरा साकिया बस अभी रंग-ए-महफिल बदल जायेगा
रुख़ से पर्दा उठा दे जरा साकिया बस अभी रंग-ए-महफिल बदल जायेगा
जो की बेहोश आयेंगे होश में गिरने वाला जो है वो सम्भल जायेगा
जो की बेहोश आयेंगे होश में गिरने वाला जो है वो सम्भल जायेगा
तुम तसल्ली ना दो सिर्फ बैठे रहो

मेरा दामन तो जल ही चुका हैं मगर आँच तुम पर भी आए गवारा नही
मेरा दामन तो जल ही चुका हैं मगर आँच तुम पर भी आए गवारा नही
मेरे आँसू ना पोंछो खुदा के लिए वरना दामन तुम्हारा भी जल जाएगा
मेरे आँसू ना पोंछो खुदा के लिए वरना दामन तुम्हारा भी जल जाएगा
तुम तस्सली ना दो सिर्फ़ बैठे रहो

एक मुद्दत हुई इसको रोए हुए एक अरसा हुआ मुस्कुराए हुए
एक मुद्दत हुई इसको रोए हुए एक अरसा हुआ मुस्कुराए हुए
ज़प्त-ए-गम का अब और इससे वादा ना लो वरना बीमारा का दम निकल जाएगा
ज़प्त-ए-गम का अब और इससे वादा ना लो वरना बीमारा का दम निकल जाएगा
तुम तसल्ली ना दो सिर्फ बैठे रहो वक्त कुछ मेरे मरने का टल जायेगा
क्या ये कम है मसिहा के होने ही से मौत का भी इरादा बदल जायेगा
तुम तसल्ली ना दो सिर्फ बैठे रहो

Curiosités sur la chanson Tum Tassali Na Do [Live] de Pamela Singh

Quand la chanson “Tum Tassali Na Do [Live]” a-t-elle été lancée par Pamela Singh?
La chanson Tum Tassali Na Do [Live] a été lancée en 2009, sur l’album “Khazana '85 ( Live )”.
Qui a composé la chanson “Tum Tassali Na Do [Live]” de Pamela Singh?
La chanson “Tum Tassali Na Do [Live]” de Pamela Singh a été composée par Anwar Mirzapuri.

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