Tera Mera
Amarabha Banerjee
तेरा मेरा ये फ़साना
पूरे रहे अधूरे सही
फिर क्यों भला उन लम्हो से ही
गुज़ारा करूँ आहें भरु
चार दीवारी ये तेरे बिना कैद सा लागे
बारिश की छींटे तेज़ाब सा क्यूँ जलाये
का करूँ सजनी आये ना बालम
का करूँ सजनी आये ना बालम
दरवाज़े पे दस्तक हुयी
सच में कहीं तू तो नहीं
बाहों में तू मरके मुझे होठों से छू कर तो देख
तू सच या भरम जान लो
सारे मौसम पतझड़ जैसे क्यूँ लागे
मेरे सिरहाने तू बैठा ऐसा क्यूँ लागे
का करूँ सजनी आये ना बालम
का करूँ सजनी आये ना बालम
रोवत रोवत हाय कल नहीं आये
तड़प तड़प मोहे राम कल नहीं आये
निस दिन मोहे विरहा सताये
याद आवत जब उनकी बतियाँ