Khuda Tera Bhi Hai

Shabbir Ahmed

टूटा बिखरा सा लगता ये जहां
टूटा बिखरा सा लगता ये जहां
नादान लिखा तेरे हिस्से मैं कहाँ
धुंधला अँधेरा छुपा ले सूरज का उजाला
तेरी किस्मत ही बदल दे ये सवेरा होने वाला
तू खुद ही हौसला तेरा
तू खुद ही हमसफर तेरा
क्यों कशमकश मैं उलझा सा तू है
खुदा तेरा भी है
खुदा तेरा भी है
ज़मीन और आसमां
जहां तेरा भी है
खुदा तेरा भी है
खुदा तेरा भी है

नैना भर आये बूँद बूँद पलकें रोये
मन मेरा अंखिया मूँद मूँद दर्द सजाये
नैना भर आये बूँद बूँद पलकें रोये
मन मेरा अंखिया मूँद मूँद दर्द सजाये

धूप का टुकड़ा तुझ पर साया करेगा
तेरी जमी को आसमां भी मिलेगा
पलको मैं मंजिल बसा ले
चल करवा फिर बना ले
चाहे टूटा रास्ता भी है
खुदा तेरा भी है
खुदा तेरा भी है
ज़मीन और आसमां
जहां तेरा भी है
खुदा तेरा भी है
खुदा तेरा भी है

Curiosités sur la chanson Khuda Tera Bhi Hai de Sonu Nigam

Qui a composé la chanson “Khuda Tera Bhi Hai” de Sonu Nigam?
La chanson “Khuda Tera Bhi Hai” de Sonu Nigam a été composée par Shabbir Ahmed.

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