Mohabat Ka Yehi

MEHBOOB, MOHAN SHARMA, NAGRATH RAJESH ROSHAN, RANI MALIK, SATISH SHARMA, SHYAMLAL HARLAL RAI INDIVAR

रु रु रु रु रु रु रु रु रु
रु रु रु रु रु रु

मोहब्बत का यही हासिल
के याद ही बनी कातिल
ख़यालो पर तुम छाए
बहुत याद आए, बहुत याद आए
तुम्हारी गहरी पलके
वो उनमे प्यारी आँखे
वो उनमे प्यार के साए
बहुत याद आए, बहुत याद आए

रु रु रु रु रु रु रु रु
रु रु रु रु रु रु रु रु

शिकायत है बहारो को
बहारो को, नज़ारो को
बुलाते है ये सब तुमको

ओ ओ ओ ओ

मेरी खामोश शामों को
मेरी बेचैन आँखो को
जो हर पल ढूँढे है तुमको
जो हर पल ढूँढे है तुमको
वो महकी महकी साँसे
वो चहकी चहकी बाते
ख़यालो पर तुम छाए
बहुत याद आए, बहुत याद आए

तू तू तू तू तू तू तू तू तू
तू तू तू तू तू तू तू तू तू
तू तू तू तू तू तू तू तू तू
तू तू तू तू तू तू तू तू तू
तू तू तू तू तू तू तू तू तू

लिखी है जाने क्या किस्मत
मगर इतनी सी है हसरत
हो शामिल ज़िंदगी मे तुम

ओ ओ ओ ओ

सुबह सूरज उगेगा जब
या रात को चाँद निकले तब
मेरी बाहो मे बस हो तुम
मेरी बाहो मे बस हो तुम
वो रोशन चाँद सा चेहरा
सियाह ज़ुल्फो का वो पहरा
ख़यालो पर तुम छाए
बहुत याद आए, बहुत याद आए
मोहब्बत का यही हासिल
के याद ही बनी कातिल
ख़यालो पर तुम छाए
बहुत याद आए
तुम्हारी गहरी पलके
वो उनमे प्यारी आँखे
वो उनमे प्यार के साए
बहुत याद आए, बहुत याद आए

Curiosités sur la chanson Mohabat Ka Yehi de Sonu Nigam

Qui a composé la chanson “Mohabat Ka Yehi” de Sonu Nigam?
La chanson “Mohabat Ka Yehi” de Sonu Nigam a été composée par MEHBOOB, MOHAN SHARMA, NAGRATH RAJESH ROSHAN, RANI MALIK, SATISH SHARMA, SHYAMLAL HARLAL RAI INDIVAR.

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