Satrangi Re

GULZAR, A R RAHMAN

तू ही तू, तू ही तू सतरंगी रे
तू ही तू, तू ही तू मनरंगी रे
तू ही तू, तू ही तू सतरंगी रे
तू ही तू, तू ही तू मनरंगी रे

दिल का साया हमसाया
सतरंगी रे, मनरंगी रे
कोई नूर है तू, क्यों दूर है तू
जब पास है तू, एहसास है तू
कोई ख्वाब है या परछाई है
सतरंगी रे, सतरंगी रे
इस बार बता, मुंहज़ोर हवा, ठहरेगी कहाँ
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब
जो लगाये न लगे और बुझाये न बुझे
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब
जो लगाये न लगे और बुझाये न बुझे
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब
आँखों ने कुछ ऐसे छुआ, हल्का हल्का उन्स हुआ
हल्का हल्का उन्स हुआ, दिल को महसूस हुआ
तू ही तू, तू ही तू, जीने की सारी खुशबू
तू ही तू, तू ही तू, आरज़ू, आरज़ू
तेरी जिस्म की आँच को छूते ही
मेरे साँस सुलगने लगते हैं
मुझे इश्क़ दिलासे देता है
मेरे दर्द बिलखने लगते हैं

तू ही तू, तू ही तू, जीने की सारी खुश्बू
तू ही तू, तू ही तू, आरज़ू आरज़ू
छूती है मुझे सरगोशी से
आँखों में घुली खामोशी से
मैं फ़र्श पे सजदे करता हूँ
कुछ होश में, कुछ बेहोशी से
दिल का साया हमसाया

तेरी राहों में उलझा-उलझा हूँ
तेरी बाहों में उलझा-उलझा
सुलझाने दे होश मुझे, तेरी चाहों में उलझा हूँ
मेरा जीना जुनूँ, मेरा मरना जुनूँ
अब इसके सिवा नहीं कोई सुकूँ
मेरा जीना जुनूँ, मेरा मरना जुनूँ
तू ही तू
इश्क़ पर ज़ोर
मुझे मौत की गोद में सोने दे
तेरी रूह में जिस्म डबोने दे
सतरंगी रे, मनरंगी रे

Curiosités sur la chanson Satrangi Re de Sonu Nigam

Quand la chanson “Satrangi Re” a-t-elle été lancée par Sonu Nigam?
La chanson Satrangi Re a été lancée en 2012, sur l’album “My Best Collection - Sonu Nigam”.
Qui a composé la chanson “Satrangi Re” de Sonu Nigam?
La chanson “Satrangi Re” de Sonu Nigam a été composée par GULZAR, A R RAHMAN.

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