Woh Aankh Hi Kya

Zameer Kazmi

वो आँख ही क्या तेरी सूरत नहीं जिसमें
वो दिल ही क्या हो तेरी चाहत नहीं जिसमें
वो आँख ही क्या तेरी सूरत नहीं जिसमें
वो दिल ही क्या तेरी चाहत नहीं जिसमें
वो दिल ही क्या तेरी चाहत नहीं जिसमें
वो आँख ही क्या तेरी सूरत नहीं जिसमें
वो दिल ही क्या हो तेरी चाहत नहीं जिसमें

जख्मों से भरे दिल में तेरा प्यार रहेगा
दुनिया से मेरे दर्द का अफसाना कहेगा
बेदर्दो से उम्मीदे वफा की नही जाती
ये जख्म है वो जिसकी दवा की नही जाती
बेदर्दो से उम्मीदे वफा की नही जाती
ये जख्म है वो जिसकी दवा की नही जाती
ये जख्म है वो जिसकी दवा की नही जाती
वो प्यार ही क्या तेरा दर्द नही जिसमें
वो आँख ही क्या तेरी सूरत नहीं जिसमें
वो दिल ही क्या हो तेरी चाहत नहीं जिसमें
वो आँख ही क्या तेरी सूरत नहीं जिसमें..

खुद अपना जनाजा लिये हम फिरते रहेगें
लेकिन तुझे जीने की दुआं देते रहेगें
मर जाऊ जो मै तो मेरी मय्यत में ना आना
तू मेरे जनाजे को भी कांधा ना लगाना
मर जाऊ जो मै तो मेरी मय्यत में ना आना
तू मेरे जनाजे को भी कांधा ना लगाना
तू मेरे जनाजे को भी कांधा ना लगाना
वो मिलन ही क्या जुदाई नही जिसमें
वो आँख ही क्या तेरी सूरत नहीं जिसमें
वो दिल ही क्या हो तेरी चाहत नहीं जिसमें
वो आँख ही क्या तेरी सूरत नहीं जिसमें
वो दिल ही क्या हो तेरी चाहत नहीं जिसमें

Curiosités sur la chanson Woh Aankh Hi Kya de Sonu Nigam

Qui a composé la chanson “Woh Aankh Hi Kya” de Sonu Nigam?
La chanson “Woh Aankh Hi Kya” de Sonu Nigam a été composée par Zameer Kazmi.

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