Sania Badnaam

Shabbir Ahmed

सानिया सानिया
सुबह का सूरज डूब गया
मेरा ज़ुलफ घनेरी शाम
सुबह का सूरज डूब गया
मेरा ज़ुलफ घनेरी शाम
जिस्म मेरा महेकने
लगा अभी ज़लकते शाम
हर नज़र चाहे
मुझे सानिया बदनाम
हर नज़र चाहे
मुझे सानिया बदनाम
सुबह का सूरज डूब गया
मेरा ज़ुलफ घनेरी शाम
जिस्म मेरा महेकने
लगा अभी ज़लकते शाम
हर नज़र चाहे
मुझे सानिया बदनाम
हर नज़र चाहे
मुझे सानिया बदनाम

इशारे पे ये वक़्त मेरे चले
सितारे पीछे मेरे कदोमो तले
ज़रा मुस्कुरा के
मैं देखु जिधर
हर एक दिल में
खलबल सी शम्मा जले
जब निगाहे फेर लून
मैं च्चीं लून आराम
जब निगाहे फेर लून
मैं छीन लून आराम
हर नज़र चाहे
मुझे सानिया बदनाम
हर नज़र चाहे
मुझे सानिया बदनाम

मैं सपना सुहाना
हसी रात का
मैं जब एक तूफ़ा
हूँ ज़ज्बात का
चाड़कर ना उतरे
कभी उमरभार
नशा है वो
मेरे मुलाकात का
मरनेवाला भी उठता
है सुनके मेरा पैगाम
मरनेवाला भी उठता
है सुनके मेरा पैगाम
हर नज़र चाहे
मुझे सानिया बदनाम
हर नज़र चाहे
मुझे सानिया बदनाम
सुबह का सूरज डूब गया
मेरा ज़ुलफ घनेरी शाम
जिस्म मेरा महेकने
लगा अभी ज़लकते शाम
हर नज़र चाहे
मुझे सानिया बदनाम
हर नज़र चाहे
मुझे सानिया बदनाम
हर नज़र चाहे
मुझे सानिया बदनाम
हर नज़र चाहे
मुझे सानिया बदनाम
हर नज़र चाहे
मुझे सानिया बदनाम

Curiosités sur la chanson Sania Badnaam de Sunidhi Chauhan

Qui a composé la chanson “Sania Badnaam” de Sunidhi Chauhan?
La chanson “Sania Badnaam” de Sunidhi Chauhan a été composée par Shabbir Ahmed.

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