Sulgi Hui Saansein Meri

Javed Akhtar

सुलगी हुई साँसें मेरी पिघली
हुई मेरी हर आरजू है
जलते हुए है लब मेरे नस
नस में कोई नयी नयी खुश्बू है
हो ओ ओ ओ ओ हो हो हो हो याई याई याई याई ये
सुलगी हुई साँसें मेरी
पिघली हुई मेरी हर आरजू है
जलते हुए है लब मेरे नस
नस में कोई नयी नयी खुश्बू है
हो ओ ओ ओ ओ हो हो हो हो याई याई याई याई ये

महकी तनहाईयाँ है मेरी
बहकी अंगड़ाइयाँ है मेरी
कैसे कहूँ अरमानो का जागा
जागा सा यह कैसा जादू है
जलते हुए है लब मेरे नस
नस में कोई नयी नयी खुश्बू है
ओ हो हो हो आई आई आई ओ हो हो हो आई ये

गाए दिल अनसुने से तराने
आए कोई गले से लगाले
आई जान ए जान जान ए जान क्यूँ
ऐसी दूरियाँ है कहाँ तू है
जलते हुए है लब मेरे नस
नस में कोई नयी नयी खुश्बू है
हो ओ ओ ओ ओ हो हो हो हो याई याई याई याई ये
हो ओ ओ ओ ओ हो हो हो हो याई याई याई याई ये.

Curiosités sur la chanson Sulgi Hui Saansein Meri de Sunidhi Chauhan

Qui a composé la chanson “Sulgi Hui Saansein Meri” de Sunidhi Chauhan?
La chanson “Sulgi Hui Saansein Meri” de Sunidhi Chauhan a été composée par Javed Akhtar.

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