Tum Kehte Ho

Saleel Kulkarni, Sunayana Kachroo

तुम कहते हो कविता लिखदो

तुम कहते हो कविता लिखदो
मुझे खून बहाना पड़ता है

तुम कहते हो कविता लिखदो
मुझे खून बहाना पड़ता है
शब्दों की खींचा तानी में
नब्ज़ों का धागा कट ता है
तुम कहते हो कविता लिखदो

ग़म के नुकीले नश्तर से
दिल पर गूदवाना पड़ता है
बंजर काग़ज़ के सीने में
खंजर बॅन जाना पड़ता है
वो गली जहाँ वो रहता था
उस गली में जाना पड़ता है
उसकी हर बात ब्या करके
फिर नाम मिटाना पड़ता है
मुझे खून बहाना पड़ता है
तुम कहते हो कविता लिखदो

नज़मो गज़लों के झगड़े से
ज़ख़्मो को छुड़ाना पड़ता है
वो अक्ष जिसे मैं याद नही
उसे रक्स दिखाना पड़ता है
सारे तेवर गिरवी रख कर
इसको छुड़वाना पड़ता है
वा वा के मेह्खाने में धुत
घर लेकर आना पड़ता है
मुझे खून बहाना पड़ता है
तुम कहते हो कविता लिखदो

पागलपन की हद्द को छूकर
फिर वापिस आना पड़ता है
आतिश बाज़ी आतिश बाज़ी
खुद को जलाना पड़ता है
सब चतुराई बिक जाती है
जब शून्या कमाना पड़ता है
ज़ेवर नही तावीज़ है यह
परतों में छुपाना पड़ता है
मुझे खून बहाना पड़ता है
तुम कहते हो कविता लिखदो

Curiosités sur la chanson Tum Kehte Ho de Sunidhi Chauhan

Qui a composé la chanson “Tum Kehte Ho” de Sunidhi Chauhan?
La chanson “Tum Kehte Ho” de Sunidhi Chauhan a été composée par Saleel Kulkarni, Sunayana Kachroo.

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