Zinda

Manoj Muntashir

[Verse 1]
आँखों के पानी में सपने तो नहीं डूबते
आँधी में, तूफ़ाँ में तारे तो नहीं टूटते
दिल पे जो खराशें हैं, तुझ को ये तराशे हैं
कोई तो कहानी है जो वक्त को सुनानी है

[Chorus]
ज़िंदा हूँ अभी, बाक़ी हूँ अभी
देखो इस राख में थोड़ी सी रोशनी है अभी
ज़िंदा हूँ अभी, बाक़ी हूँ अभी
मेरी हर साँस में थोड़ी सी ज़िंदगी है अभी

[Verse 2]
ज़िद्दी रास्तों से पाँव ये
आज भी झगड़ना तो भूले नहीं
हारे हैं कई दफ़ा दफ़ा तो क्या?
आज भी हम लड़ना तो भूले नहीं

ज़िद्दी रास्तों से पाँव ये
आज भी झगड़ना तो भूले नहीं
हारे हैं कई दफ़ा दफ़ा तो क्या?
आज भी हम लड़ना तो भूले नहीं
आज भी दिल बाग़ी है, बस यही काफ़ी है

[Chorus]
ज़िंदा हूँ अभी, बाक़ी हूँ अभी
देखो इस राख में थोड़ी सी रोशनी है अभी
ज़िंदा हूँ अभी, बाक़ी हूँ अभी
मेरी हर साँस में थोड़ी सी ज़िंदगी है अभी

[Outro]
ज़िंदा हूँ अभी, ज़िंदा हूँ अभी

Curiosités sur la chanson Zinda de Sunidhi Chauhan

Quand la chanson “Zinda” a-t-elle été lancée par Sunidhi Chauhan?
La chanson Zinda a été lancée en 2017, sur l’album “Best of Sunidhi Chauhan ”.
Qui a composé la chanson “Zinda” de Sunidhi Chauhan?
La chanson “Zinda” de Sunidhi Chauhan a été composée par Manoj Muntashir.

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