Dekh Mohabbat Ka Dastoor

Nazir Kazmi

कुछ ना कहा और कुछ ना सुना दिल में रह गयी दिल की बात
यार की नगरी कोसो दूर कैसे कटेगी भारी रात
बस्ती वालो से छुपकर रो लेते हैं पिछली रात
सन्नाटो में सुनते हैं सुनी सुनाई कोई बात
फिर जाड़े की रुत आई छोटे दिन और लंबी रात
छोटे दिन और लंबी रात

हो ओ ओ ओ ओ, आ हा हा आ हा हा
देख मोहब्बत का दस्तूर तू मुझसे मैं तुझसे दूर
देख मोहब्बत का दस्तूर तू मुझसे मैं तुझसे दूर, तू मुझसे मैं तुझसे दूर

तन्हा तन्हा फिरते हैं दिल वीरां आँखे बेनूर
तन्हा तन्हा फिरते हैं दिल वीरां आँखे बेनूर
दोस्त बिछड़ते जाते हैं शौक लिए जाता हैं दूर
दोस्त बिछड़ते जाते हैं शौक लिए जाता हैं दूर
देख मोहब्बत का दस्तूर तू मुझसे मैं तुझसे दूर, तू मुझसे मैं तुझसे दूर

हम अपना गम भूल गये आज किसे देखा मजबूर
हम अपना गम भूल गये आज किसे देखा मजबूर
दिल की धड़कन कहती हैं आज कोई आएगा ज़ूरूर
दिल की धड़कन कहती हैं आज कोई आएगा ज़ूरूर
देख मोहब्बत का दस्तूर तू मुझसे मैं तुझसे दूर
तू मुझसे मैं तुझसे दूर

कोशिश लाज़ीम ऐ प्यारे आगे जो उसको मंज़ूर
कोशिश लाज़ीम ऐ प्यारे आगे जो उसको मंज़ूर
सूरज डूब चला नाज़िर और अभी मंज़िल हैं दूर
सूरज डूब चला नाज़िर और अभी मंज़िल हैं दूर
देख मोहब्बत का दस्तूर तू मुझसे मैं तुझसे दूर
देख मोहब्बत का दस्तूर तू मुझसे मैं तुझसे दूर
तू मुझसे मैं तुझसे दूर, तू मुझसे मैं तुझसे दूर
तू मुझसे मैं तुझसे दूर, तू मुझसे मैं तुझसे दूर, तू मुझसे मैं तुझसे दूर

Curiosités sur la chanson Dekh Mohabbat Ka Dastoor de पिनाझ मसानी

Qui a composé la chanson “Dekh Mohabbat Ka Dastoor” de पिनाझ मसानी?
La chanson “Dekh Mohabbat Ka Dastoor” de पिनाझ मसानी a été composée par Nazir Kazmi.

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