Aah Ko Chaahiye Ik Umr Asar Hone Tak

Mirza Ghalib

आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक
कौन जीता है तेरे
हाँ कौन जीता है तेरे ज़ुल्फ़ के सर होने तक
कौन जीता है कौन जीता है तेरे ज़ुल्फ़ के सर होने तक
कौन जीता है
आशिक़ी सब्र तलब और तमन्ना बेताब
आशिक़ी सब्र तलब और तमन्ना बेताब
दिल का क्या रंग करूँ खून-ए-जिगर होने तक
हो दिल का क्या रंग करूँ खून-ए-जिगर होने तक
हाँ दिल का क्या रंग करूँ
हम ने माना के तगाफ़ूल न करोगे लेकिन
हम ने माना के तगाफ़ूल न करोगे लेकिन
हम ने माना के तगाफ़ूल न करोगे लेकिन
खाक हो जाएंगे
खाक हो जाएंगे हम तुम को खबर होने तक
हो खाक हो जाएंगे
हम तुम को खबर होने तक खाक हो जाएंगे
शक नज़र देश नही
शक नज़र देश नही
फ़ुर्सत के हसीन ख्वाब क्व खातिर
गर्मी ए बजम है
गर्मी ए बजम है
एक रक्त शरण होने तक हो
गर्मी ए बजम है
एक रक्त शरण होने तक हो
गर्मी ए बजम हा
ग़म-ए-हस्ती का असद किससे हो जुज़-मर्ग-ए-इलाज
ग़म-ए-हस्ती का असद किससे हो जुज़-मर्ग-ए-इलाज
शम्मा हर रंग में जलती है सहर होने तक
शम्मा हर रंग में

Curiosités sur la chanson Aah Ko Chaahiye Ik Umr Asar Hone Tak de के एल सेगल

Quand la chanson “Aah Ko Chaahiye Ik Umr Asar Hone Tak” a-t-elle été lancée par के एल सेगल?
La chanson Aah Ko Chaahiye Ik Umr Asar Hone Tak a été lancée en 1995, sur l’album “Ghazals Of K.l.saigal, Vol. 5”.
Qui a composé la chanson “Aah Ko Chaahiye Ik Umr Asar Hone Tak” de के एल सेगल?
La chanson “Aah Ko Chaahiye Ik Umr Asar Hone Tak” de के एल सेगल a été composée par Mirza Ghalib.

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