Kaun Virane Mein Dekhega Bahar

K. L. Saigal

एक अहल-ए-दर्द ने सुनसान जो देखा कफ़स
बोला अब आती नहीं है क्‌यों सदा-ए-अंदली
बालों पर दो-चार दिखला कर कहा सैयाद ने
येह निशानी रह गई है अब बजा-ए-अंदली
कौन वीराने में देखेगा बहार
कौन वीराने में देखेगा बहार
कौन वीराने में देखेगा बहार
कौन वीराने में देखेगा बहार
फूल जंगल में खिले किनके लिये
फूल जंगल में खिले किनके लिये
फूल जंगल में खिले किनके लिये
दिल का ज़ामन तू तेरा क्‌या ऐतबार
दिल का ज़ामन तू तेरा क्‌या ऐतबार
पहले इक ज़ामन हो ज़ामन के लिये
पहले इक ज़ामन हो ज़ामन के लिये
पहले इक ज़ामन हो ज़ामन के लिये
लाश पर इबरत यह कहती थी 'अमीर्'
लाश पर इबरत यह कहती थी 'अमीर्'
लाश पर इबरत यह कहती थी 'अमीर्'
आये थे दुनिया में इस दिन के लिये
आये थे दुनिया में इस दिन के लिये
आये थे दुनिया में इस दिन के लिये
आये थे दुनिया में इस दिन के लिये

Curiosités sur la chanson Kaun Virane Mein Dekhega Bahar de के एल सेगल

Quand la chanson “Kaun Virane Mein Dekhega Bahar” a-t-elle été lancée par के एल सेगल?
La chanson Kaun Virane Mein Dekhega Bahar a été lancée en 1995, sur l’album “Ghazals Of K.l.saigal, Vol. 5”.
Qui a composé la chanson “Kaun Virane Mein Dekhega Bahar” de के एल सेगल?
La chanson “Kaun Virane Mein Dekhega Bahar” de के एल सेगल a été composée par K. L. Saigal.

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